>
भगवान हनुमान की पूजा करने से बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि मृत्यु और अल्प मृत्यु जैसे कर्म भी भगवान हनुमान की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने से खत्म होने लगते हैं। भगवान हनुमान को कलयुग का भगवान बताया गया है। कलयुग में इस पृथ्वी पर साक्षात रूप में भगवान हनुमान मौजूद हैं और ऐसी कई सारी कहानियां मौजूद हैं जहां पर लिखा हुआ है कि अनुमान इसी धरती पर विराजित हैं।
सनातन इतिहास को जब हम पढ़ते हैं तो हमें सभी देवताओं को लेकर ऐसी कहानियां यहाँ मिल जाती हैं जब उन्होंने पृथ्वी को छोड़ा है या फिर देवता पृथ्वी छोड़ कर दूसरे लोक में गए हैं लेकिन हनुमान को लेकर ऐसी कोई भी कहानी यहां मौजूद नहीं है जो कि यह दर्शाती है कि हनुमान पृथ्वी छोड़ कर दूसरे लोक में चले गए हैं। दरअसल भगवान हनुमान को यह वरदान भी प्राप्त था कि जब तक पृथ्वी रहेगी तब तक अनुमान यहां पर रहेंगे।
चलिए आइए आज हम आपको बताते हैं कि जो लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उनको किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए और वह पांच काम कौन से हैं जो कि हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को नहीं करने चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ पड़ता है और उसकी शादी हो रखी है या फिर शादी नहीं हो रखी है तो उस व्यक्ति को पराई स्त्री से दूर रहना चाहिए। इस बात का अर्थ यह है कि अगर किसी व्यक्ति की शादी हो रखी है तो उसको अपनी स्त्री के अलावा किसी और के साथ संबंध नहीं रखनी चाहिए और अगर किसी की शादी नहीं हुई है तो ऐसे व्यक्ति को तो स्त्री से दूर रहना चाहिए क्योंकि शादी से पहले सभी स्त्रियां पराई स्त्री होती हैं यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उसको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने वाले व्यक्ति को मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए। यदि मंगलवार और शनिवार के दिन भगवान हनुमान के सामने घी का दिया जलाया जाए या फिर मंदिर जाकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जाए तो ऐसा करने से बड़े से बड़े कष्ट बहुत जल्दी दूर होने लगते हैं। साथ ही साथ हनुमान जी की कृपा जरूर होने लगती है, और यदि व्यक्ति काफी व्यस्त हैं तो उस व्यक्ति को मंगलवार या फिर शनिवार में से एक दिन मंदिर जरूर जाना चाहिए।
जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ पड़ता है उसको मांस और शराब जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। मांस और शराब जैसी चीजें हनुमान जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं है और यदि हनुमान जी का भक्त इन सब चीजों का सेवन करता है तो इससे भगवान हनुमान नाराज हो जाते हैं और वह अपने भक्तों पर पूरी कृपा नहीं करते हैं। लेकिन अगर फिर भी किसी मजबूरी में यह सब करना पड़ रहा है तो ऐसे व्यक्ति को प्रतिदिन हनुमानजी के सामने अरदास करनी चाहिए कि वह उस व्यक्ति से इस तरीके की मुसीबत या फिर वह कारण दूर कर दे जिसकी वजह से वह मांस मदिरा का सेवन कर रहा है। हनुमान जी निश्चित रूप से अपने भक्तों को बहुत ही जल्द इस तरह की मुसीबत से बाहर निकाल देते हैं।
हनुमानजी के भक्त को कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति का हक मारकर नहीं खाना चाहिए। इसका अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उसको ईमानदारी से जीवन यापन करना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को कभी भी गलत लोगों का साथ नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों के पास बैठने से व्यक्ति का पतन होना पक्का होता है।
माँ कुष्मांडा नवदुर्गा के चौथे स्वरूप के रूप में पूजी जाती हैं। उनका नाम 'कुष्मांडा' तीन शब्दों से मिलकर बना है...
नवरात्रि के सातवें दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है...
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से छठे दिन माँ कात्यायनी की आराधना होती है।...
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की आराधना की जाती है।...