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जाखू मंदिर के बारे में तो आपने शायद सूना ही होगा लेकिन अगर पता नहीं तो आपको बता दें कि जाखू मंदिर जो शिमला में है और वहाँ हनुमान जी विराजे हैं। मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति 108 फीट लंबी है अर्थात आपकी हाइट से तकरीबन 20-21 गुना ऊंची। जी हां, यह मंदिर शिमला का सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। हालांकि आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि यह मूर्ति प्राचीन काल की नहीं है, बल्कि इसे 2010 में बनाया गया है और काफी श्रद्धा भी रखते है। कहा जाता है कि जाखू मंदिर की चोटी से पूरा शिमला शहर का नज़ारा देखा जा सकता है और यहां आने-जाने वाले भक्तों की भीड़ हमेशा देखने को मिलती है। जाखू मंदिर, जाखू पहाड़ी पर समुद्र तल से 8048 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर के आसपास बर्फीली चोटियों और शानदार घाटियों का नजारा देखने को मिलता है। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान श्री राम और रावण के बीच हुए युद्ध हुआ तो उस दौरान मेघनाद के तीर से राम के छोटे भाई लक्ष्मण घायल हो गए थे। इस कारण उनका उपचार किया जाने लगा लेकिन कोई भी उपाय काम न कर पाने के बाद वैद्यराज सुषेण ने कहा कि अब एक ही उपाय बाकी बचा है और वह है हिमालय की संजीवनी बूटी। इससे ही लक्ष्मण को बचाया जा सकता है। इसके बाद हनुमान जी ने वह संजीवनी बूटी लाने का वचन दिया था। इसके बाद हनुमान जी हिमालय की चल पड़े लेकिन इस बीच उन्हें एक पहाड़ी पर 'याकू'नाम से एक ऋषि को देखा था। कहा जाता है कि हनुमान उड़ रहे थे तो वे नीचे उतर गए। लेकिन उस समय हनुमान जी का वजन पहाड़ी सम्भाल नहीं पायी और वह धंस गयी। इसके बाद पहाड़ी का नाम याकू से जाखू पड़ गया था। इसके बाद हनुमान जी ने ऋषि से संजीवनी बूटी जुडी पूरी जानकारी ली और फिर वहां से चल पड़े। इसी संजीवनी बूटी ने लक्ष्मण जी जिंदगी बचाई थी। होते है लोगों के दुःख दूर मान्यताओं के अनुसार यहाँ अर्थात जाखू मंदिर में भक्त हनुमान जी के दर्शन करते है तो उनके सभी दुःख दर्द दूर हो जाते है और उन्हें शान्ति मिलती है। इस कारण यहाँ हमेशा भारी संख्या में भीड़ रहती है। इस मंदिर में हनुमान जी के अपने चरण को संगमरमर पत्थर से बनवाकर रखा गया है।कुछ तथ्यों की अगर बात मानें तो शिमला के इस हनुमान मंदिर में खुद हनुमान जी आज भी निवास करते है और कभी-कभी भक्तों के सामने प्रकट भी होते है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं कर सकते है कि यह तथ्य सही है या नहीं।
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