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स्वामी विवेकानन्द जिनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था। जबकि इनका निधन 4 जुलाई 1902, बेलूर मठ में हुआ था। विकेकानन्द जो वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे जिन्हें आज भी हर कोई बड़ी श्रद्धा से याद करते है। जबकि उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में साल 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था। जहाँ उन्होंने सभी को काफी प्रभावित किया। कहा जाता है कि उस महासभा में विवेकानन्द ने अपने भाषण की शुरुआत "मेरे अमरीकी भाइयो एवं बहनों"के साथ की थी।
12 जनवरी मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में
इसी बीच आपको बता दें कि विवेकानन्द का जन्म दिवस आज पूरे विश्व में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद जो युवाओं के लिए एक अलग ही पहचान थे जिनकी याद में हर साल 12 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है। साथ ही अब अगले साल अर्थात 2019 में यह दिवस मनाया जाने वाला है।
स्वामी विवेकानंद की ये बातें जो बदल देगी आपकी जिंदगी
1) स्वामी विवेकानंद का कहना था कि जब तक आप अपने किसी कार्य में व्यस्त है, तब तक आपका आज कार्य आसान होता है। लेकिन जैसे ही आप आलसी बन जाते है तो यह काम बहुत कठिन हो जाता है।
2) वहीं पढ़ाई करने वालों के लिए विवेकानंद का कहना है कि पढ़ाई के लिए आपको एकाग्रता की जरुरत होती है और उसमें ध्यान का भी होना बहुत जरूरी है। क्योंकि ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं।
3) स्वामी विवेकानंद कहते है कि जब तक आप या हम जीते है तब तक हमें सीखना चाहिए क्योंकि अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
4) विख्यात आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद जी का यह वाक्य जो आज हर कोई जानता है कि "उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक अपनी मंजिल न मिल जाए।"अर्थात इसमें यह अर्थ छिपा हुआ है कि हमें तब तक प्रयास करना चाहिए जब तक वो मंजिल या लक्ष्य न मिल जाएं।
5) शिकागो धर्म सम्मेलन में भाषण देने वाले स्वामी विवेकानंद कहते है कि हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं।
6) वहीं इस महान सज्जन का कहना था कि जो हम सोचते है वो हम बनकर दिखा सकते है। अगर हम स्वयं को कमजोर मानते है तो कमजोर ही बन जाएंगे तथा अगर स्वयं को ताकतवर मानते है तो वाकई हम ताकतवर होते है।
7) जो काम आप करने के बारे में सोचते है उसे तुरंत ही सम्पन्न करें क्योंकि बाद में करने पर विश्वास हट जाता है और साथ ही मन भी बदल जाता है।
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