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फरवरी में मनाई जाने वाली नवरात्रि के पीछे बहुत सारे रहस्य छुपे हुए हैं इसलिए इस नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। 2024 में गुप्त नवरात्रि को फरवरी के माह में मनाया जाएगा और इसका आरंभ 10 फरवरी से होगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार गुप्त नवरात्रि माघ मास के पवित्र महीने में मनाई जाएगी।
भक्त गुप्त नवरात्रि को माघ के महीने में मनाते हैं। इस पर्व को पूरे उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। परंतु, गुप्त नवरात्रि आपकी सभी छिपी हुई और विशेष कामनाओं को भी पूरा कर सकती है। कई साधु, तांत्रिक और भक्त गुप्त नवरात्रि को तंत्र साधनाओं के लिए मनाते हैं। मां दुर्गा ऊर्जा और शक्ति की स्रोत है। वह इस ब्रह्मांड के प्रत्येक जीवित और निर्जीव चीज के केंद्र में है। गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है। दुर्गा मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त दुर्गा सप्तशती मंत्र का भी जाप करते हैं। दुर्गा सप्तशती मंत्र बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है और इस मंत्र के जाप से भक्तों की मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधना करने वाले व्यक्ति पूरी गोपनीयता से पूजा करते हैं।
गुप्त नवरात्रि पर्व का विशेष धार्मिक महत्व है। गुप्त नवरात्रि के शुभ अवसर पर पूरे भारत में मेलों का आयोजन किया जाता है। माघ महीने को उत्सव का महीना माना गया है क्योंकि अगले ही महीने फाल्गुन में होली पड़ती है। गुप्त नवरात्रि के अवसर पर सभी लोग अपनों के साथ मिलकर गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाते हैं और इस अवसर पर लोग नए कपड़े भी पहनते हैं। इस पर्व पर लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाइयां और भोग खाते हैं और आस-पास के सभी लोग मंत्रों का जाप भी करते हैं। परिवार का लगभग हर सदस्य मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है। कवच, कीलन या अर्गला मंत्रों का जाप करने वाले भक्तों को काल के प्रभाव से परम सुरक्षा मिलती है। माता रानी की पूजा के प्रभाव से भक्त कभी भी अपने जीवन में बीमार, कमजोर और असफल नहीं होते हैं।
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ही भक्त कलश की स्थापना करते हैं। पूजा व्रत में शामिल होने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके पश्चात सभी पूजा सामग्री का प्रबंध करना चाहिए और मां दुर्गा की पूजा के लिए एक पंडित को बुलाना चाहिए। कई लोग प्रथम पूजा से ही उपवास रखते हैं। पहले दिन के पूजा को शैलपुत्री पूजा कहते हैं और यह पूजा नौवें दिन तक जारी रहता है जिसे सिद्धिदात्री पूजा कहा जाता है। पहले दिन से नौवें दिन तक मां दुर्गा के नौ रूप की पूजा की जाती है। कई लोग गुप्त नवरात्रि के दौरान फलाहार रखते हैं। दुर्गा चालीसा का सुबह और शाम के समय जाप करने से सारी मनोकामनाएं की पूर्ति होती है। हर जगह मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है और आस-पास का पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। गुप्त नवरात्रि के शुभ अवसर पर कई भक्त माता का जगराता या भजन भी करते हैं।
वर्ष 2024 में गुप्त नवरात्रि फरवरी में मनाई जाएगी। पर्व की शुरुआत 10 फरवरी, 2024 और समाप्ति 18 फरवरी, 2024 को होगी। कलश की स्थापना आप सुबह 8:34 से 9:59 के बीच मे कर सकते है। अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:13 से 12:58 तक रहेगा।
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